बारिशों में भीगने से होता हासिल कुछ और नहीं
बस बचपने के कुछ साल यादों में ताज़ा हो जाते हैं
कागज़ की नाव तैराके होता हासिल कुछ और नहीं
बस इस चार दिन की ज़िन्दगी की कीमत समझ पाते हैं
बहुत वक़्त दिया तुझे हमसे इश्क़ करने को
जो तुझे इश्क़ न हो सका, अपनी तकदीर समझ जाते हैं
छोड़ के शहर तेरा कहीं और जा बसे है हम
फिर भी देखने तुझको साल में एक मर्तबा आते हैं
वाकई इश्क़ ये तेरा किसी बारिश से कम नहीं
जब भी याद करते हैं, बिन बरसात भीग जाते हैं
आशिक़ों में एक नाम हमारा भी लिख देना
हारे हुओं के झुण्ड में अक्सर पाये जाते हैं
बड़ी तकल्लुफ सी है तुझे हमसे बात करने में भी
बात करने पर कहाँ किसी को काट खाते है?
जो तेरे दिए ज़ख्म ज़िंदा है मेरे सीने में अभी तक
उन्हें कहाँ किसी से कभी हम बाँट पाते है
गर मौत भी आये तो तेरी सूरत में आये
तेरे हाथों से मरने की अब हम खैरात चाहते हैं
किसी और से इश्क़ की हिम्मत बाकी अब ना रही
इस ज़िन्दगी के दिन की यहीं अब रात चाहते हैं
बस बचपने के कुछ साल यादों में ताज़ा हो जाते हैं
कागज़ की नाव तैराके होता हासिल कुछ और नहीं
बस इस चार दिन की ज़िन्दगी की कीमत समझ पाते हैं
बहुत वक़्त दिया तुझे हमसे इश्क़ करने को
जो तुझे इश्क़ न हो सका, अपनी तकदीर समझ जाते हैं
छोड़ के शहर तेरा कहीं और जा बसे है हम
फिर भी देखने तुझको साल में एक मर्तबा आते हैं
वाकई इश्क़ ये तेरा किसी बारिश से कम नहीं
जब भी याद करते हैं, बिन बरसात भीग जाते हैं
आशिक़ों में एक नाम हमारा भी लिख देना
हारे हुओं के झुण्ड में अक्सर पाये जाते हैं
बड़ी तकल्लुफ सी है तुझे हमसे बात करने में भी
बात करने पर कहाँ किसी को काट खाते है?
जो तेरे दिए ज़ख्म ज़िंदा है मेरे सीने में अभी तक
उन्हें कहाँ किसी से कभी हम बाँट पाते है
गर मौत भी आये तो तेरी सूरत में आये
तेरे हाथों से मरने की अब हम खैरात चाहते हैं
किसी और से इश्क़ की हिम्मत बाकी अब ना रही
इस ज़िन्दगी के दिन की यहीं अब रात चाहते हैं
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